सूचना का अधिकार अधिनियम - 2005
Name of the Officer |
Designated as |
डॉ. अहमद मिन्हाजुद्दीन
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अपीलीय प्राधिकारी
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डॉ. जावेद इनाम सिद्दीकी
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लोक सुचना अधिकारी
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संक्षिप्त शीर्षक, विस्तार और प्रारंभ
1. 'सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005' के रूप में जाना जाता है।
2. जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे भारत में लागू है।
3. 12 अक्तूबर, 2005 से प्रवर्तनीय हो गया है
4.यह दिल्ली सू.अ.अ. 2001 से अधिक शक्तिशाली और दृढ है।
कवरेज
1. संसद, विधान सभा द्वारा गठित सभी सार्वजनिक प्राधिकरणों, निकायों या संस्थानों को शामिल करता है।
2. इसमें संसद, सर्वोच्च न्यायालय/उच्च न्यायालय/निचले न्यायालय, स्वामित्व, नियंत्रित और पर्याप्त रूप से वित्तपोषित निकाय शामिल हैं।
3. प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से पर्याप्त रूप से वित्तपोषित गैर-सरकारी संगठन शामिल हैं।
4. सरकार ऐसे अन्य निकायों को इस अधिनियम में शामिल करने के लिए अधिसूचित करने या आदेश जारी करने का अधिकार रखता है।
नागरिक ही मालिक हैं
1. इस अधिनियम में कुछ अपवादों को छोड़कर नागरिकों को लगभग सभी जानकारी देने का प्रावधान है।
2. यह अधिनियम नागरिक को मालिक बनाता है।
3. नागरिक,अब किसी भी कार्य की जानकारी प्राप्त कर, उसका सामाजिक अंकेक्षण कर सकते हैं। साथ ही उस कार्य की आलोचनात्मक जांच कर सकते हैं। यदि उस कार्य में असुविधाजनक विषय होने पर प्रश्न उठा सकते हैं।
लोक सूचना अधिकारी दें सूचना
1.अधिनियम (दिनांक 22.9.2005 से लागू) के अधीन प्राप्त आवेदनों को संभालने के लिए, लोक प्राधिकरणों द्वारा लोक सूचना अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं।
2.अधिनियम (दिनांक 22.9.2005 से लागू) के अधीन, लोक प्राधिकरण की ओर से आवेदन प्राप्त करने के लिए, सहायक लोक सूचना अधिकारी नियुक्त नियुक्त किए जाते हैं।
3. अधिनियम (दिनांक 22.9.2005 से लागू) के अधीन, प्रत्येक उप-मंडल/उप-जिलों में सहायक लोक सूचना अधिकारियों की नियुक्ति किए जाते हैं।
4. लोक प्राधिकरण द्वारा विभाग/संगठन के भीतर होने वाले प्रथम अपीलीय प्राधिकारी होते हैं।
लोक सूचना का अधिकार में शामिल विषय
Right to Information Includes :
1. कार्यों, दस्तावेजों, अभिलेखों का निरीक्षण।
2. नोट्स, उद्धरण, प्रमाणित प्रतियां लेना।
3. सामग्री के प्रमाणित नमूने लेना।
4. फ्लॉपी, टेप आदि में सूचना प्राप्त करना।
सूचना की परिभाषा
सूचना का अर्थ है कि किसी भी रूप में कोई भी सामग्री/विषय का होना और वह इस सूचना में शामिल होना:
1. रिकॉर्ड, दस्तावेज, मेमो, ई-मेल, राय, सलाह, आदेश, लॉग बुक, अनुबंध, रिपोर्ट, कागजात, नमूने आदि।
आवेदन दाखिल करना
1. आवेदकों द्वारा इस संबंध में निर्धारित प्रपत्रों का उपयोग करना।
2. आवेदक, लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से, अंग्रेजी या हिंदी या स्थानीय भाषा में आवेदन दाखिल कर सकते हैं।
3. विकलांग व्यक्तियों के आवेदन लिखने में अनुरोध करने पर, लोक सूचना अधिकारी द्वारा सहायता प्रदान करना।
4. सूचना मांगने के कारणों की आवश्यकता नहीं है।
5. उत्तर देने के अलावा आवेदक के बारे में व्यक्तिगत जानकारी नहीं मांगी जानी चाहिए
शुल्क
निम्नलिखित शुल्क भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है:
1. आवेदन शुल्क: रु.10/-
2.अतिरिक्त पेज: 2 रुपये प्रति ए-4 या ए-3 आकार के पेज के लिए लागू है।
3.बड़ाे आकार के पेज: पेज के आकार के अनुसार वास्तविक शुल्क लागू होगा।
4. सैंपल या मॉडल: इसके लिए वास्तविक लागत के अनुसार शुल्क लागू होगा।
5. अभिलेखों का निरीक्षण: पहले घंटे के लिए कोई शुल्क नहीं, परन्तु उसके बाद रु. 5/- प्रति 15 मिनट
6. फ्लॉपी/डिस्केट: रु. 50/-
गरीबी रेखा से नीचे के लिए कोई शुल्क लागू नहीं है