राष्ट्रीय त्वचा रोग यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (रा.त्व.रो.यू.चि.अ.सं), हैदराबाद (पूर्व केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (कें.यू.चि. अ.सं.) हैदरबाद कहा जाता था) केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (कें.यू.चि.अ.प.) के अधीन कार्यरत एक विकेन्द्रीकृत संस्थान है – यह आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्त संगठन है। वर्ष 1969 में स्थापित सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी (सी.सी.आर.आई.एम.एच.) के तहत इस संस्थान की स्थापना दिसंबर, 1971 में की गयी थी। वर्ष 1978 में सी.सी.आर.आई.एम.एच. का चार स्वतंत्र परिषदों में विभाजित होने पर यूनानी चिकित्सा पद्धति के विभिन्न पहलुओं पर वैज्ञानिक अनुसंधान करने के उद्देश्य से सी.सी.आर.यू.एम. के तहत केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (सी.आर.आई.यू.एम.) हैदराबाद ने कार्य करना जारी रखा। इस संस्थान को देश में यूनानी चिकित्सा अनुसंधान और प्रशिक्षण के एक आदर्श संस्थान के रूप में विकसित किया जा रहा है। क्योंकि इस संस्थान की विशेताओं में मानकीकरण औषधि मानकीकरण में अनुसंधान, सुरक्षा और प्रभावकारिता मूल्यांकन, और यूनानी दवाओं और उपचारों के सत्यापन के लिए विशाल अनुसंधान मूलभूत, नींव और तकनीकी विशेषज्ञता है। रा. त्व .रो.यू.चि.अ.सं संस्थान को आई.एस.ओ. (ISO) 9001:2008 प्रमाणित है।यह संस्थान की फार्मेसी अनुसंधान और अन्य यूनानी दवाओं के निर्माण के लिए गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (Good Manufacturing Practices) से प्रमाणित है।
संस्थान में शिक्षा , अनुसंधान और रोगी की देखभाल के लिए व्यापक सुविधाएं उपलब्द हैं, तथा परिसर में शैक्षणिक ब्लॉक, प्रशासनिक ब्लॉक, अस्पताल भवन, फार्मेसी, औषधि गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशाला, पुस्तकालय, औषधीय पौधों का सर्वेक्षण और खेती (Survey & Cultivation of Medicinal Plants) इकाई, हर्बल गार्डन साथ ही पशु घर, अतिथि गृह, हॉस्टल, आवासीय ब्लॉक और कई अन्य इकाइयाँ शामिल हैं। अस्पताल में विभिन्न ओ.पी.डी. और इन-पेशेंट 85 बिस्तरों वाली सुविधा है, तथा सामान्य ओ.पी.डी. से मरीजों को नैदानिक सेवाएं प्रदान की जाती हैं। विशिष्टता ओ.पी.डी. त्वचा रोग , गैर-संचारी रोगों (एन सी डी), जठरांत्र और यकृत-पित्त संबंधी विकार, तंत्रिका संबंधी और मानसिक विकार, प्रजनन और बाल स्वास्थ्य (आरसीएच) के लिए ओ.पी.डी. में रोगियों को नैदानिक सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यूनानी शास्त्रों के अनुसार विभिन्न विकारों के रोगियों को आधुनिक दृष्टिकोण के साथ आहार और पोषण संबंधी सलाह भी प्रदान की जाती है। अस्पताल के 'इलाज बिल तदबीर केंद्र (‘Ilāj bi’l Tadbīr /रेजिमेंटल थेरेपी) में मालिश, कपिंग और व्यायाम की सुविधा है, जो मस्कुलोस्केलेटल और तंत्रिका संबंधी विकारों से पीड़ित रोगियों की जरूरतों को पूरा करता है। यह अस्पताल विकृति विज्ञान, जैव रसायन, और रेडियोलॉजी की डायग्नोस्टिक लैबोरेट्रीज से भी सुसज्जित है। मोबाइल क्लिनिकल रिसर्च यूनिट के माध्यम से यह अस्पताल सामाजिक आर्थिक रूप से कमजोर समूहों को उनके दरवाजे पर भी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है।
संस्थान ने विशेष रूप से बारास (विटिलिगो) के सफल उपचार के लिए दुनिया भर में ख्याति अर्जित की है और पिछले कुछ वर्षों में देश में यूनानी चिकित्सा अनुसंधान के एक प्रमुख संस्थान के रूप में उभरा है। संस्थान द्वारा किए गए अनुसंधान के क्षेत्रों में प्रीक्लिनिकल और नैदानिक अनुसंधान, यूनानी चिकित्सा के मूलभूत सिद्धांतों पर अनुसंधान, औषधि मानकीकरण अनुसंधान और औषधीय पौधों का सर्वेक्षण और खेती शामिल है। यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में अनुसंधान उत्कृष्टता के उच्चतम स्तर को प्राप्त करने और बनाए रखने के लिए, यह संस्थान एन.आई.पी.ई.आर, हैदराबाद; आई.सी.एम.आर.-एन.आई.एन., हैदराबाद; और ए.आई.आई.एम.एस., नई दिल्ली जैसे प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के साथ भी सहयोग करता है।
यह संस्थान यूनानी चिकित्सा के दो विषयों में 18 सीटों के साथ स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करता है। इनमं, मोआलाजत (चिकित्सा) -09 सीटें और इल्मुल अद्विया (फार्माकोलॉजी) -09 सीटें शामिल हैं। यह संस्थान कलोजी नारायण राव यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (के.एन.आर.यू.एच.एस.), वारंगल, तेलंगाना राज्य से संबद्ध है और के.एन.आर.यू.एच.एस. द्वारा अनुमोदित सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सी.सी.आई.एम.) द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम का पालन करता है। दोनों स्नातकोत्तर विभाग, संस्थान में उपलब्ध प्रीक्लिनिकल और पैरा-क्लिनिकल विभागों के समर्थन से व्यावहारिक रूप से सभी प्रकार की रोग स्थितियों, विशेष रूप से त्वचा विकारों और गैर-संचारी रोगों का प्रबंधन करते हैं। इससे पहले, इस संस्थान ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के सहयोग से यूनानी चिकित्सा के दो विषयों, यथा:- मोआलाजत (03 सीटें) और इलमुल अदविया (03 सीटें) में 6 सीटों के साथ पीएच.डी. पाठ्यक्रम को भी प्रस्तुत किया था। यह संस्थान, नियमित रूप से प्रतिष्ठित विद्वानों को आमंत्रित करके, कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और अतिथि व्याख्यान जैसे शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है। संकाय सदस्यों को उनके तकनीकी और व्यावसायिक कौशल को अद्यतन करने के लिए, विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिनियुक्त किया जाता है।
इस संस्थान के अस्पताल में, वेब आधारित आयुष-अस्पताल सूचना प्रबंधन प्रणाली (ए-एच.एम.आई.एस.), आयुष मंत्रालय द्वारा विकसित व्यापक, एकीकृत सूचना प्रणाली को स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली के सभी कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए सफलतापूर्वक लागू किया गया है। साथ ही आयुष सुविधाओं में रोगी के रिकॉर्ड को सरल संदर्भ के साथ, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए, प्रभावी नैदानिक दस्तावेज़ीकरण के लिए इसका उपयोग किया जाता है।
हाल ही में इस संस्थान के अस्पताल को एन.ए.बी.एच. द्वारा मान्यता प्रदान की गई है। यह परिषद का पहला एन.ए.बी.एच.मान्यता प्राप्त यूनानी अस्पताल है।