विभागों पीछे

 

मौलाजित (चिकिक्ता)


रा.त्व.रो.यू.चि.अ.सं., हैदराबाद में मौलाजित (चिकित्सा) विभाग की स्थापना वर्ष 2016 में आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह विभाग, कलोजी नारायण राव स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, वारंगल, तेलंगाना राज्य से एफिलिएटेड है। यह विभाग, पी.जी. पाठ्यक्रम में, 'माहिर तिब' [एम.डी. (यूनानी)] 'मौलाजात' (चिकित्सा) में नौ छात्रों की प्रवेश क्षमता रखता है। इस विभाग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्नातकोत्तर छात्रों में, अनुसंधान मानकों का उत्थान करने के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में, बेहतर योग्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं की उपलब्धता के लिए आधार तैयार करना था। .त्व.रो.यू.चि.अ.सं., हैदराबाद, भारत देश के साथ-साथ विदेशों में अपनी तरह का पहला शोध संस्थान है, जो यूनानी चिकित्सा में स्नातकोत्तर शिक्षा भी प्रदान कर रहा है।

इस विभाग का अपना एकीकृत परिसर है, जो आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान पद्धति की सहायता और अनुप्रयोग के साथ यूनानी चिकित्सा में शिक्षण और बहु-विषयक नैदानिक अनुसंधान करता है। विभाग एक व्यापक स्नातकोत्तर शिक्षण कार्यक्रम चलाता है। साथ ही अपने छात्रों को एक संरचित शैक्षणिक कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। इसमें सिद्धांत कक्षाएं, हैंड्स-ऑन व्यावहारिक कक्षाएं, बेडसाइड शिक्षण, सेमिनार, जर्नल क्लब, ट्यूटोरियल और शोध प्रबंध परियोजनाएं शामिल हैं। प्रशिक्षण घटक में नैदानिक और अनुसंधान कौशल, प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का विकास, बेडसाइड क्लिनिकल केस प्रस्तुतीकरण और चर्चा शामिल हैं। साथ ही यह विभाग सैद्धांतिक और व्यावहारिक शिक्षण के अतिरिक्त, संस्थान के विभिन्न ओ.पी.डी. और आई.पी.डी. में स्नातकोत्तर छात्रों को नैदानिक प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्रिय रूप से कार्य करता है। पी.जी. छात्रों द्वारा पैथोलॉजिस्ट और बायोकेमिस्ट के साथ-साथ मौलाजत के विशेषज्ञों की देखरेख में विभिन्न रोगों पर नैदानिक अध्ययन किया जा रहा है। शिक्षण स्टाफ और पी.जी. छात्र, अपने शोध पत्र/लेख पत्रिकाओं में प्रकाशित करते हैं। साथ ही राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों/सम्मेलनों/कार्यशालाओं में भी भाग लेते हैं। मौलाजित (चिकित्सा) के पी.जी. विभाग के प्रमुख अनुसंधान क्षेत्रों में त्वचा रोग, गैर-संचारी रोग (NCDs), तंत्रिका संबंधी रोग, यकृत रोग, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग, एसिड-पेप्टिक रोग, गुर्दे के रोग और यौन रोग शामिल हैं। यह विभाग, अच्छी तरह एक्विप्पड बॉयोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, फिजियोलॉजी, क्लिनिकल फार्माकोडायनामिक्स, रेडियोलॉजी प्रयोगशालाओं के साथ, रा.त्व.रो.यू.चि.अ.सं., हैदराबाद से जुड़ा हुआ है। यह विभाग, अन्य ओ.पी.डी. के अतिरिक्त, विभाग की अनुसंधान परियोजनाओं के लिए मोलाजत ओ.पी.डी. में आने वाले रोगियों के साथ-साथ संस्थान के अनुसंधान परियोजनाओं के व्यक्तियों के लिए खानपान सेवाओं की सेवा भी प्रदान कर रहा है।

विभाग के संकाय सदस्य

नाम पदनाम
प्रो. कमर उद्दीन प्रोफेसर और विभागध्यक्ष
प्रो. मोहम्मद नवाब प्रोफेसर
प्रो. अर्ज़ीना जबीन प्रोफेसर और पी.जी. समन्वयक

 

 

इलमुल अदविया (फार्माकोलॉजी)


रा.त्व.रो.यू.चि.अ.सं., हैदराबाद में इलमुल अदविया- Ilmul Advia (औषध विज्ञान) के स्नातकोत्तर विभाग की स्थापना वर्ष 2016 में आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह विभाग, कलोजी नारायण राव स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, वारंगल, तेलंगाना राज्य से एफिलिएटेड है। यह विभाग 'माहिर तिब' [एम.डी. (यूनानी)] इलमुल अदविया- Ilmul Advia (फार्माकोलॉजी) में नौ छात्रों की प्रवेश क्षमता रखता है।इस विभाग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्नातकोत्तर छात्रों में, अनुसंधान मानकों का उत्थान करने के साथ-साथ यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में, बेहतर योग्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं की उपलब्धता के लिए आधार तैयार करना था। इस विभाग की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्नातकोत्तर छात्रों में, अनुसंधान मानकों का उत्थान करने के साथ-साथ यूनानी फार्मोकालोजी और फार्माकाग्नोसी के क्षेत्र में बेहतर योग्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं की उपलब्धता के लिए आधार तैयार करना था। त्व.रो.यू.चि.अ.सं., हैदराबाद, भारत देश के साथ-साथ विदेशों में अपनी तरह का पहला शोध संस्थान है, जो यूनानी चिकित्सा में स्नातकोत्तर शिक्षा भी प्रदान कर रहा है। इस विभाग का अपना एकीकृत परिसर है, जो आधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान पद्धति की सहायता और अनुप्रयोग के साथ यूनानी चिकित्सा में शिक्षण और बहु-विषयक नैदानिक अनुसंधान करता है। यह विभाग एक व्यापक स्नातकोत्तर शिक्षण कार्यक्रम चलाता है। साथ ही अपने छात्रों को एक संरचित शैक्षणिक कार्यक्रम के माध्यम से प्रशिक्षित किया जाता है। इसमें सिद्धांत कक्षाएं, हैंड्स-ऑन व्यावहारिक कक्षाएं, बेडसाइड शिक्षण, सेमिनार, जर्नल क्लब, ट्यूटोरियल और शोध प्रबंध परियोजनाएं शामिल हैं। प्रशिक्षण घटक में नैदानिक और अनुसंधान कौशल, प्रोटोकॉल और दिशानिर्देशों का विकास, बेडसाइड क्लिनिकल केस प्रस्तुतीकरण और चर्चा शामिल हैं। साथ ही यह विभाग सैद्धांतिक और व्यावहारिक शिक्षण के अतिरिक्त, संस्थान के औषधि मानकीकरण अनुसंधान प्रयोगशाला, फार्माकोलॉजी प्रयोगशाला और फार्मेसी अनुभाग में स्नातकोत्तर छात्रों को नैदानिक प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्रिय रूप से कार्य करता है। पीजी छात्रों द्वारा प्रीक्लिनिकल रिसर्च, ड्रग मानकीकरण, गुणवत्ता नियंत्रण और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) के विकास के साथ-साथ यूनानी दवाओं के विभिन्न खुराक रूपों के फार्माकोपियल मानकों सहित प्रायोगिक अध्ययन इलमुल एडविया-Ilmul Advia के विशेषज्ञों, फार्माकोलॉजिस्ट और फार्माकोग्नॉजिस्ट की देखरेख में किए जा रहे हैं। शिक्षण स्टाफ और पी.जी. छात्र, अपने शोध पत्र/लेख पत्रिकाओं में प्रकाशित करते हैं। साथ ही राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों/सम्मेलनों/कार्यशालाओं में भी भाग लेते हैं।

इलमुल एडविया-Ilmul Advia (फार्माकोलॉजी) के पी.जी. विभाग के प्रमुख अनुसंधान क्षेत्रों में यूनानी ड्रग्स पर सामान्य औषधीय अध्ययन शामिल हैं। इस विभाग में एनाल्जेसिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-पायरेटिक एक्टिविटी इन रैटद्वस, एंटी-अल्सर एक्टिविटी, नेफ्रोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी, हेपेटोप्रोटेक्टिव एक्टिविटी, एंटीडायबिटिक एक्टिविटी, हाइपोलिपिडेमिक और एंटी-ओबेसिटी एक्टिविटी, एंटी-हाइपरलिपिडेमिक एक्टिविटी, एंग्जोलिटिक एक्टिविटी, एंटीकॉन्वेलसेंट एक्टिविटी, और एंटी-सोरायसिस एक्टिविटी; टाक्सिसिटी स्टडीज ऑफ यूनानी ड्रग्स; रा मेटेरियल्स का प्रमाणीकरण; ड्रग मानकीकरण; यूनानी ड्रग्स का गुणवत्ता नियंत्रण; शेल्फ-लाइफ स्टडीज ऑफ यूनानी ड्रग्स; यूनानी ड्रग्स के एस.ओ.पी. का विकास और यूनानी ड्रग्स के फार्माकोपियल मानकों का विकास शामिल हैं।

यह विभाग, अच्छी तरह एक्विप्पड बॉयोकेमिस्ट्री, पैथोलॉजी, फिजियोलॉजी, क्लिनिकल फार्माकोडायनामिक्स, रेडियोलॉजी प्रयोगशालाओं के साथ, रा.त्व.रो.यू.चि.अ.सं., हैदराबाद से जुड़ा हुआ है। यह विभाग, अन्य ओ.पी.डी. के अतिरिक्त, विभाग की अनुसंधान परियोजनाओं के लिए मोलाजत ओ.पी.डी. में आने वाले रोगियों के साथ-साथ संस्थान के अनुसंधान परियोजनाओं के व्यक्तियों के लिए खानपान सेवाओं की सेवा भी प्रदान कर रहा है।यह विभाग, अच्छी तरह एक्विप्पड फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, सेल और मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, ड्रग मानकीकरण और गुणवत्ता नियंत्रण और फार्माकोग्नॉसी लैबोरेट्रीज के साथ संस्थान के एनिमल हाउस से जुड़ा हुआ है! यह विभाग अन्य अनुसंधान परियोजनाओं के साथ-साथ संस्थान की अनुसंधान परियोजनाओं के व्यक्तियों के लिए खानपान सेवाओं की सेवा भी प्रदान कर रहा है।

विभाग के संकाय सदस्य

नाम पदनाम
प्रो. मोहम्मद जाकिर प्रोफेसर और विभागध्यक्ष
डॉ. जावेद इनाम सिद्दीकी रीडिर
डॉ. उज़मा विकार रीडर (संविदा पर कार्यरतl)